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भगवती सूत्र-श. ३१ उ. ७-२८ समुच्चय उत्पत्ति
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'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । हे भगवन् ! यह इसी प्रकार हैकह कर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं।
ये सभी अट्ठाईस उद्देशक हैं।
॥ इकत्तीसवें शतक के ७-२८ उद्देशक समाप्त ॥
।। इकत्तीसवाँ शतक सम्पूर्ण ॥
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