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यारे य ।
३ प्रश्न - छेओवट्टावणियसंजए - पुच्छा |
३ उत्तर - गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा - साइयारे य णिरह
कहे हैं ?
भावार्थ - ३ प्रश्न - हे भगवन् ! छेदोपस्थापनीय संयत कितने प्रकार के
निरतिचार |
भगवती सूत्र - श. २५ उ. ७ संयत के भेद
३ उत्तर - हे गौतम! दो प्रकार के कहे हैं । यथा - सातिचार और
४ प्रश्न - परिहारविशुद्धिय संजए - पुच्छा ।
४ उत्तर - गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा - णिव्विसमाणए य व्किाइए य ।
भावार्थ - ४ प्रश्न - हे भगवन् ! परिहारविशुद्धिक संयत कितने प्रकार
!
के कहे हैं ?
कायिक |
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४ उत्तर - हे गौतम ! दो प्रकार के । यथा-निर्विशमानक और निर्विष्ट
५ प्रश्न -सुहुमसंपराय - पुच्छा ।
५ उत्तर - गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा - संकिलिस्समाणए विद्धमाणए य ।
भावार्थ - ५ प्रश्न - हे भगवन् ! सूक्ष्म-संवराय संयत कितने प्रकार के हैं ? ५ उत्तर - हे गौतम! दो प्रकार के । यथा-संक्लिश्यमानक और विशु
द्वयमानक ।
६ प्रश्न - अहक्खायसंजए - पुच्छा ।
६ उत्तर - गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा- छउमत्थे य केवली य।.
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