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भगवती मूत्र-श ३० उ. १ समवसरण
एवं नीललेस्सा वि । एवं काउलेस्सा वि ।
भावार्थ - १४ प्रश्न - हे भगवन् ! कृष्णलेशी क्रियावादी जीव, नैरविक का आयु बांधते हैं ?
१४ उत्तर - हे गौतम ! नेरथिक, तिर्यंच-योनिक और देव का आयु नहीं बांधते, किन्तु मनुष्य का आयु बांधते हैं । कृष्णलेशी अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी जीव, नैरयिक आदि चारों प्रकार का आयु बांधते हैं । इसी प्रकार नीललेशी और कापोतलेशी भी ।
१५ प्रश्न - तेउलेस्सा णं भंते! जीवा किरियाबाई किं णेरइयाउयं पकरेंति - पुच्छा ।
१५ उत्तर - गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति, णो तिरिक्खजोणियाज्यं पकरेंति, मणुस्साउयं पकरेंति, देवाउयं पिपकरेंति । जड़ देवाउयं पकरेंति - तव ।
भावार्थ - १५ प्रश्न - हे भगवन् ! तेजोलेशी क्रियावादी जीव, नैरयिक का आयु बांधते हैं ?
१५ उत्तर - हे गौतम! नैरथिक और तिथंच का आयु नहीं बांधते, किन्तु मनुष्य और देव का आयु बांधते हैं । यदि वे देव का आयु बांधते हैं, तो पूर्ववत् आयु का बन्ध करते हैं ।
१६ प्रश्न - तेउलेस्सा णं भंते! जीवा अकिरियावाई किं णेरइयाउयं - पुच्छा ।
१६ उत्तर - गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति, मणुस्साउयं पि
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