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भगवती सूत्र - श. २५ उ. ५ आवलिका यावत् पुद्गल-परिवर्तन के समय ३३३७
२ उत्तर- गोयमा ! णो संखेज्जा समया, असंखेज्जा समया, णो अनंता समया ?
भावार्थ - २ प्रश्न - हे भगवन् ! आवलिका संख्यात समय की है, असंख्यात समय की है, या अनन्त समय की है ?
२ उत्तर - हे गौतम ! आवलिका संख्यात समय की नहीं और अनन्त समय की भी नहीं, किन्तु असंख्य समय की है ।
३ प्रश्न - आणापाणू णं भंते! किं संखेजा० ? ३ उत्तर - एवं चैव ।
भावार्थ - ३ प्रश्न - हे भगवन् ! आनप्राण ( श्वासोच्छ्वास) संख्यात समय का है ० ?
३ उत्तर - हे गौतम! पूर्ववत् ।
४ प्रश्न - थोवे णं भंते! किं संखेजा० ?
४ उत्तर - एवं चैव । एवं लवे वि, मुहुत्ते वि, एवं अहोरत्ते, एवं पक्खे, मासे, उऊ, अयणे, संवच्छरे, जुगे, वाससये, वाससहस्से, वाससयसहस्से, पुवंगे, पुव्वे, तुडियंगे, तुडिए, अडडंगे, अडडे, अववंगे, अबवे, हूहुयंगे, हूहुए, उप्पलंगे, उप्पले, पउमंगे, पउमे, णलिणांगे, लिणे, अत्थणिउरंगे, अत्थणिउरे, अउयंगे, अउये, णउयंगे, णउए, पउयंगे, पउए, चूलियंगे, चूलिए, सीसपहेलियगे, सीसपहेलिया, पलिओवमे, सागरोवमे, ओमप्पणी, एवं उस्सप्पिणी वि ।
भावार्थ-४ प्रश्न - हे भगवन् ! स्तोक संख्यात समय ० ?
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