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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ४ द्रव्यादि की अपेक्षा युग्म प्ररूपणा
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१० प्रश्न-धम्मत्थिकाए णं भंते ! किं ओगाढे, अणोण्ढे ? १० उत्तर-गोयमा ! ओगाढे, णो अणोगाढे ।
भावार्थ-१० प्रश्न-हे भगवन् ! धर्मास्तिकाय अवगाढ़ (आश्रित) है या अनवगाढ़ है ?
१० उत्तर-हे गौतम ! अवगाढ़ है, अनवगाढ़ नहीं।
११ प्रश्न-जइ ओगाढे किं संखेजपएसोगाढे, असंखेजपएसोगाढे, अणंतपएसोगाढे ? __ ११ उत्तर-गोयमा ! णो संखेजपएमोगाढे, असंखेजपएसोगाढे, णो अणंतपएसोगाढे ।
भावार्थ-११ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि अवगाढ़ है, तो क्या संख्यात -प्रदेशावगाढ़ है, असंख्यात प्रदेशावगाढ़ है या अनन्त प्रदेशावगाढ़ है ?
११ उत्तर-हे गौतम ! संख्यात प्रदेशावगाढ़ नहीं और अनन्त प्रदेशाव· गाढ़ भी नहीं, किन्तु असंख्यात प्रदेशावगाढ़ है।
१२ प्रश्न-जइ असंखेजपएसोगाढे किं कडजुम्मपएसोगाढेपुच्छा । ____ १२ उत्तर-गोयमा ! कडजुम्मपएसोगाढे, णो तेओग०, णो दावरजुम्म०, णो कलिओगपएसोगाढे। एवं अधम्मत्थिकाए वि, एवं आगासत्थिकाए वि, जीवत्थिकाए, पुग्गलस्थिकाए, अद्धासमए एवं
चेव।
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