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विपाक सूत्र-प्रथम श्रुतस्कन्ध
तपस्या करते हुए, पण्णत्तीए - प्रतिपादन किया गया है, अडमाणे - फिरते हुए, रायमग्गे - राजमार्ग, ओगाढे - पधारे, संणद्धबद्धवम्मियगुडिय उप्पीलियकच्छे - युद्ध के लिये उद्यत हैं जिन्हें कवच पहनाये हुए हैं तथा जिन्हें शारीरिक रक्षा के उपकरण पहनाये गये हैं, उद्दामियघंटेजिनके दोनों ओर घण्टे लटक रहे हैं, णाणामणिरयण-विविह-गेवेज्ज-उत्तरकंचुइज्जे - नाना प्रकार के मणि, रत्न, विविध भांति के अवेयक-ग्रीवा के भूषण तथा बखतर विशेष से युक्त, पडिकप्पिए- परिकल्पित-विभूषित, झयपडागवरपंचामेलआरूढहत्थारोहे - ध्वज और पताकाओं से सुशोभित, पंच शिरोभूषणों से युक्त तथा हस्त्यारोहों-हाथीवानों (महावतों) से युक्त, गहियाउहप्पहरणे - आयुध (वह शस्त्र जो फैंका नहीं जाता है तलवार आदि) और प्रहरण (वह शस्त्र जो फैंका जाता है तीर आदि) ग्रहण किये हुए हैं, आसे - अश्वों-घोड़ों को,
आविद्धगुडे - सोने चांदी की बनी हुई झूल से युक्त, ओसारियपक्खरे - लटकाये हुए तनुत्राण से युक्त, उत्तरकंचुइयओचूलमुहचंडाधर-चामरथासगपरिमंडियकडिए - बखतर विशेष से युक्त, लगाम से अन्वित मुख वाले, क्रोध पूर्ण अधरों से युक्त, चामर, स्थासक (आभरण विशेष) से परिमंडित (विभूषित) कटि भाग है जिनका, आरूढ अस्सारोहे - अश्वारोही (घुड़सवार) जिन पर आरूढ हो रहे हैं, उप्पीलियसरासणपट्टीए - जिन्होंने शरासन पट्टिका-धनुष खिंचने के समय हाथ की रक्षा के लिये बांधा जाने वाला चर्मपट्ट- कस कर बांधी हुई है, पिणद्धगेवेज्जेग्रैवेयक-कण्ठाभरण धारण किये हुए, विमलवरबद्धचिंधपट्टे- जिन्होंने उत्तम तथा निर्मल चिह्नपट्ट रूप वस्त्र धारण किये हुए हैं, अवओडयबंधणं - गले और दोनों हाथों को मोड़ कर पृष्ठभाग में जिसके दोनों हाथ रस्सी से बांधे हुए हैं, उक्कित्तकण्णणासं- जिसके कान और नाक कंटे हुए हैं, णेहतुप्पियगत्तं - घृत से स्निग्ध शरीर, बज्झकरकडियजुयणियत्थं - जिसके कर और कटिप्रदेश में वध्यपुरुषोचित वस्त्र युग्म धारण किया हुआ है अथवा जिसके दोनों हाथों में हथकडियां पड़ी हुई है, कंठेगुणरत्तमल्लदामं - जिसके कंठ में लाल पुष्पों की माला है, चुण्णगुंडियगायं चुण्णयं - जिसका शरीर गेरु के चूर्ण से पोता हुआ है, वज्झपाणपीयं - जिसे प्राण प्रिय हो रहे हैं, तिलं तिलं चेव छिज्जमाणं - जिसको तिल तिल कर के काटा जा रहा है, कागणिमंसाइं खावियंतं - जिसके मांस के छोटे-छोटे टुकड़े काक आदि पक्षियों के खाने योग्य हो रहे हैं, खक्खरगसएहिं - सैकड़ों पत्थरों (चाबुकों) से, हम्ममाणं - मारा जा रहा है, खंडपडहएणं - फूटे हुए ढोल से, उग्योसिज्जमाणं - उद्घोषित किया जा रहा है, अवरझंति- अपराध-दोष किया है।
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