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छठा अध्ययन - दुर्योधन के उपकरण
अलपट्टाण अलपट्टों अर्थात् बिच्छू की पूंछ के आकार जैसे शस्त्र विशेषों के, सूइण
सुइयों के, डंभणाण दम्भनों अर्थात् अग्नि में तपा कर जिन से शरीर में दाग दिया जाता हैचिह्न किया जाता है, इस प्रकार की लोहमय शलाकाओं के, कोहिल्लाण- कौटिल्यों-लघु मुद्गर विशेषों के, सत्थाण शस्त्र विशेषों के, पिप्पलाण पिप्पलों - छोटे छोटे छुरों, कुहाडाण - कुहारों- कुल्हाड़ों, णहछेयणाण - नखछेदकों, दब्भाण के अग्रभाग की भांति तीक्ष्ण हथियारों के ।
दभ-डाभों अथवा दर्भ
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भावार्थ - इस दुर्योधन नामक उस चारकपाल के पास अनेक बांस के चाबुकों, बेंत के चाबुकों, इमली के चाबुकों, कोमल चर्म के चाबुकों, सामान्य चाबुकों (कोडाओं) और वल्कल रश्मियों - वृक्षों की त्वचा से निर्मित चाबुकों के पुंज - शिखर युक्त ढेर तथा निकर - शिखर रहित ढेर लगाये हुए रक्खे थे।
उस दुर्योधन चारकपाल के पास अनेक शिलाओं, लकड़ियों, मुद्गरों और कनंगरों के पुंज और निकर रक्खे हुए थे ।
उस दुर्योधन के पास अनेकविध चमड़े की रस्सियों, सामान्य रस्सियों, वल्कल रज्जुओं ( वृक्षों की त्वचा - छाल से निर्मित रज्जुओं) केश रज्जुओं और सूत्र की रज्जुओं के पुंज और निकर रखे हुए थे।
उस दुर्योधन चारकपाल के पास असिपत्र- कृपाण, कर पत्र- आरा, क्षुरपत्र (उस्तरा ) और कदम्बचीरपत्र (शस्त्र विशेष) के पुंज और निकर रखे हुए थे।
उस दुर्योधन चारकपाल के पास अनेकविध लोहकील, वंशशलाका, चर्मपट्ट और अलपट्ट के पुंज और निकर रखे हुए थे ।
उस दुर्योधन चारकपाल के पास अनेक सूइयों, दंभनों और लघु मुद्गरों के पुंज और निकर
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उस दुर्योधन चारकपाल के पास अनेक प्रकार शस्त्र पिप्पल (लघु छूरे) कुठार, नखछेदक और दर्भ - डाभ के पुंज और निकर रखे हुए थे।
विवेचन प्रस्तुत सूत्र में चारकपाल दुर्योधन के कारागार संबंधी उपकरण सामग्री का वर्णन किया गया है।
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