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छठा अध्ययन - दुर्योधन के उपकरण
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दुर्योधन के उपकरण तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे उट्टियाओ अप्पेगइयाओ आसमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ हत्थिमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ गोमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ महिसमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ उट्टमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ अयमुत्तभरियाओ अप्पेगइयाओ एल (य)मुत्तभरियाओ बहुपडिपुण्णाओ चिटुंति।
तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स बहवे हत्थंदुयाण य पायंदुयाण य हडीण य णियलाण य संकलाण य पुंजा य णिगरा य संणिक्खित्ता चिट्ठति ॥१११॥ . ____ कठिन शब्दार्थ - उट्टियाओ - ऊंट के पृष्ठ भाग के समान बड़े-बड़े बर्तन-मटके, आसमुत्तभरियाओ - घोड़ों के मूत्र से भरे हुए, गोमुत्तभरियाओ - गोमूत्र से भरे हुए, अजमुत्तभरियाओ - अजो-बकरों के मूत्र से भरे हुए, एलमुत्तभरियाओ - भेड़ों के मूत्र से भरे हुए, हत्थंदुयाण - हस्तान्दुक-हाथ बांधने के लिये काष्ठ निर्मित बंधन विशेष, पायंदुयाण - पादान्दुक, हडीण - हडि-काठ की बेड़ी, णियलाण - निगड-पांव में डालने की लोहमय बेड़ी, संकलाण - श्रृंखला-सांकल, पुंजा - पुंज-शिखर युक्त राशि, णिगरा - शिखर रहित राशि, संणिक्खित्ता - एकत्रित किये हुए।
.. भावार्थ - दुर्योधन नामक उस चारकपाल-जेलर के पास अनेक ऊंटों के पृष्ठ भाग के समान बड़े बड़े बर्तन (मटके) थे उनमें से कितनेक अश्वमूत्र से भरे हुए थे, कितनेक हस्तिमूत्र से भरे हुए थे, कितनेक उष्ट्रमूत्र से, कितनेक गोमूत्र से, कितनेक महिषमूत्र से, कितनेक अजमूत्र से और कितनेक भेड़ों के मूत्र से भरे हुए थे। . ___ उस दुर्योधन चारकपाल के अनेक हस्तान्दुक-हाथ में बांधने का काष्ठ निर्मित बन्धन विशेष, पादान्दुक-पांव में बांधने का काष्ठ निर्मित बंधन विशेष, हडि-काठ की बेड़ी, निगडलोहे की बेड़ी और श्रृंखला-लोहे की जंजीर के पुंज (शिखरयुक्त राशि) तथा निकर (शिखर रहित ढेर) लगाये हुए रक्खे थे।
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