Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 276
________________ प्रथम अध्ययन - सुबाहुकुमार का पाणिग्रहण एवं प्रीतिदान २५५ एक अत्यंत सुंदर भवन बनवाया। वे सब महल अत्यंत सुंदर, मनोहर, रमणीय और दर्शनीय थे। सभी प्रकार के सुगंधित पदार्थों से सुगंधित थे। सुबाहकुमार का पांच सौ कन्याओं के साथ पाणिग्रहण एवं प्रीतिदान तएणं तं सुबाहुकुमारं अम्मापियरो अण्णया कया वि सोहणंसि तिहिकरणदिवसणक्खत्त-मुहुत्तंसि व्हायं कयबलिकम्मं कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सव्वालंकारविभूसियं पमक्खणगण्हाणगीयवाइय पसाहणटुंगतिलगकंकण अविहवबहुउवणीयं मंगलसुजंपिएहिं च वरकोउयमंगलोवयारकयसंतिकम्मं . सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं सरिसलावण्ण रूवजोव्वणगुणोववेयाणं विणीयाणं कयकोउयमंगलपायच्छित्ताणं सरिस्सएहिं रायकुलेहितो अणिल्लियाणं पुप्फचूलापामोक्खाहिं पंचसयाहिं रायवरकण्णाहिं सद्धिं एगदिवसेणं पाणिं गिण्हाविंसु। .. तएणं तस्स सुबाहुकुमारस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं पीइदाणं दलयंति तं जहा - पंचसयहिरण्णकोडीओ पंचसयसुवण्णकोडीओ पंचसयमउडे मउडप्पवरे पंचसयकुंडलजुए कुंडलजुयप्पवरे पंचसयहारे हारप्पवरे पंचसयअद्धहारे अद्धहारप्पहरे पंचसयएगावलीओ एगावलीप्पवराओ एवं मुत्तावलीओ एवं कणगावलीओ एवं रयणावलीओ पंचसयकडगजोए कडगजोयप्पवरे एवं तुडियजोए पंचसय खोमजुयलाई खोमजुयलप्पवराई एवं वडगजुयलाई एवं पहजुयलाई एवं दुगुल्लजुयलाई पंचसयसिरीओ पंचसयहिरीओ एवं घिईओ कित्तीओ बुद्धीओ लच्छीओ पंचसयणंदाइं पंचसयभहाइं पंचसयतले तलप्पवरे सव्वरयणामए णियगवरभवणकेऊ पंचसयज्झए अयप्पवरे पंचसयवए वयप्पवरे दसगोसाहस्सिएणं वएणं पंचसयणाडगाइं णाडगप्पवराई बत्तीसबद्धणं णाडएणं पंचसयआसे आसप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए पंचसयहत्थी हत्थिप्पवरे सव्वरयणामए Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362