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विपाक सूत्र- द्वितीय घनस्कन्धं
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कठिन शब्दार्थ - अड्डाई - धनादि से परिपूर्ण, दित्ताइं - प्रतापी, वित्ताइं - दानादि गुणों से प्रसिद्ध, विच्छिण्ण- विउल - भवण - सयणासण-जाण - वाहणाई - विस्तीर्ण और बहुत से भवन, शयन, आसन यान, वाहन हैं, बहुधणबहुजायरूवरययाइं - बहुत धनाढ्य - चांदी सोने वाले, पुमत्ताए महापुरुष रूप से, बोहिं बुज्झिहिइ - बोध प्राप्त करेगा, सुहुय हुयासणे इव तेयसा जलते अच्छी तरह जाज्वल्यमान अग्नि की तरह तेज से देदीप्यमान, आलएणं विहारेणं - अप्रतिबद्ध विहार, अणुत्तरेणं सव्वसंजमतवसुचरियफल णिव्वाणमग्गेणंउत्कृष्ट संयम तप सुचारित्र और इनके फल रूप मोक्ष के मार्ग द्वारा, कसिणे - सम्पूर्ण, पडिपुणे - प्रतिपूर्ण, णिरावरणे - निरावरण, णिव्वाघाए निर्व्याघात - बांधा ( व्याघात) रहित, सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स - देवलोक, मनुष्य लोक और असुरलोक (अधोलोक) इन तीनों लोक की, परियागं - पर्याय को, तक्कं तर्क, पच्छाकडं - पश्चात्कृत, पुरेकडं - पूर्वकृत, मणोमाणसियं - मनोगत भाव, खइयं नष्ट हुआ, भुत्तं - भोगा हुआ, कडं किया हुआ, पडिसेवियं सेवन किया हुआ, आवीकम्मं प्रकट कार्य को, रहोकम्मं अप्रकट कार्य को, अरहस्सभागी - देव मनुष्यों द्वारा पूजनीय, मणवयकायजोगे वट्टमाणाणंमन, वचन, काया संबंधी, सव्वभावे सभी भावों को, आउसेसं आभोइत्ता - आयु कर्म की अन्त जान कर, जस्सट्ठाए जिसके लिये, णग्गभावे नग्नता, मुंडभावे - मुण्डितपन, केसलोए - केशलोच, बंभचेरवासे - ब्रह्मचर्य का पालन, अण्हाणगं अस्नान यानी स्नान न करना, अदंतवणं- दांतन न करना, अछत्तगं - अछत्रक - छत्र धारण न करना, अणुवाहणगंजूते न पहनना, भूमिसिज्जाओ - भूमि पर सोना, फलहसिज्जाओ पाटे पर सोना, परघरप्पवेसो गोचरी के लिए गृहस्थों के घर में जाना, लद्धावलद्धाई आहार पानी का मिलना नहीं मिलना, माणावमाणाई - मान अपमान में समभाव रखना, परेहिं हीलणाओ दूसरों के हीन ( नीच) वचन सुनना, शिंदणाओ - निन्दित होना, खिंसणाओ - लोगों के सामने धिक्कार के वचन सुनना, गरहणाओ गर्हा यानी घृणा सहना, तज्जणाओ - तर्जना • अर्थात् अंगुली उठाकर कहे गये अपशब्द सुनना, तालणाओ-ताड़ना - कीड़े आदि की मार सहना, परिभवणाओ - परिभव- तिरस्कार, पव्वहणाओ पीड़ा सहना, उच्चावया छोटे बड़े, विरूवा - विविध प्रकार के, गामकंटगा - इन्द्रियों के लिए कांटे रूप, अहियासिज्जंति-समभाव पूर्वक सहन करना, कीरइ - जिसके लिए सहन किये जाते हैं, तमट्ठ - उस पदार्थ का यानी मोक्ष का, ऊसासणीसासेहिं - श्वासोच्छ्वास, सिज्झिहिइ - सिद्ध होंगे, बुज्झिहिइ -
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