________________ चित्रसूची 1 मंगलमूर्ति श्री पार्श्वनाथजी 128 राजा विक्रमादित्य की देवी 11 अवधूत व भट्टमात्र की आराधना व स्तुति 16 अवन्ती की राजसभा 136 तीन धूतों का ब्राह्मण से 23 राजसभा में वेश्या द्वारा / मिलना दिव्य फल की भेंट 151 चोर का गुफा में छिपना 33 अवधूत क्षिप्रा के तट पर व विक्रमादित्य का खप्पर से 36 अवधूत का हस्ती पर आरूढ युद्ध और खप्पर का वध / होकर अवन्ती नगरी जाना 166 माता सुकोमला देवकुमार 45 राज महल में अग्निवैताल को उसके पिता का परिचय 56 लक्ष्मीपुर का राजमहल. देती है। 71 दो वेश्याओं के साथ महाराज 178 शय्यातल से अट्ठाईस कोटि व अग्निवैताल का सको- सुवर्ण के वस्त्राभूषण चोरना मला के पास जाना 181 मंत्रीयों आदिसे राजा का 71 प्रतिष्ठानपुर गमन व उद्यान विचार विमर्श 78 सुकोमला के महलमें 182 राजा के समक्ष सिंह कोटविक्रमा, भट्टमात्रा और वह्नि ___वाल का प्रतिज्ञा करने आना वैतालिका का गीत व बाजा (187 कपटी भानजा बनकर बज़ाना कावड लेकर तीर्थ यात्रार्थः 107 राजसभा में नृत्य व नारी निकलना . . ' द्वेष के कारण का कथन 202 भट्टमात्र को बेडी में फँसाना 118 संवत्प्रवर्तक महाराजा 211 वेश्याओंका नृत्य तथा मद्य विक्रमादित्य पान कराकर अचेतन करना। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org