________________ छठा प्रकरण विक्रमका राज्यतिलक प्रभात होते ही अवन्ती नगरी में नगारे बजने लगे और सब लोग अपने हित्यकृय से निवृत्त हो कर उत्सव में सम्मिलित होने की तैयारी में लगे / मन्त्रिगण की आज्ञा से हतिरन को सुशोमित कर सुवर्ण अम्बाडी आदि भूषण पहनाकर सैन्यदल के साथ राजभवन के प्रांगणमें लाया गया और वहाँ से बड़ी धूमधाम से जुलूस निकाल कर क्षिप्रा नदी के तट पर आये / वहाँ अवधूत से रोमाञ्च तथा हकारी भाव से बड़े बड़े सामन्तों, अमीरों, सरदारों, सेठसाहुकारों और राज्यकर्मचारियों ने उनके चरणों में नतमस्तक होकर राज-हत्तीपर आरूढ होने की नम्र प्रार्थना की / प्रार्थना स्वीकार कर अवधून हस्तीपर आरूढ हुए / उस .. . RE/AISHALI " / N *7AYA Pट नानु Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org