________________ मुनि निरंजनविजयसंयोजित ___ तब माता प्रसन्न होकर बोली " हे पुत्रि! तू धन्या है। धर्म से ही तुझे इस प्रकार का दिव्य स्वामी प्राप्त हुआ है / क्यों कि :____धर्म, धन चाहने वाले प्राणियों को धन देता है, काम चाहने वाले प्राणियों को काम देता है और परम्परा से मोझ को भी देने वाला एक धर्म ही है।" सुकोमला का गर्भवती होना छः महीनों के बाद जब विक्रमादित्य को अपनी पत्नी सुकोमला के गर्भवती होने का पता चला, तो. एकान्त में अग्निवैताल से बोला:- क्रमशः प्रपंच करके मैंने पहिले उससे विवाह किया अब धर्म के प्रभाव से मेरी स्त्री गर्भवती हो गई है। कहा है कि-निर्मल धर्म के प्रभाव से अच्छे स्थान में निवास, सब गुणों से युक्त स्त्री, पवित्र बालक, अच्छे मनुष्यों में प्रेम न्याय मार्ग से धन की प्राप्ति, अच्छा हित चिन्तन करने वाला मन्न, आदि सुख मिलते हैं। परन्तु मुझको ऐसा जान पड़ता है कि हमारे और तुम्हारे अभाव में सम्पूर्ण नगर बुरी अवस्था में है। इसलिये हनको और तुमको शीघ्र ही स्वर्ग समान सुन्दर अपनी अवन्ती नगरी में चलना चाहिये। मेरी पत्नी सुकोमला गर्भवती है तथा अत्यन्त अभिमान वाली है। इसलिये इसका अभिमान तोड़ने के लिए उसे यहीं छोड़ देता हूँ। क्यों कि संसार में धनदो धनमिच्छूना, कामदः काममिच्छताम् / धर्म एवापवर्गस्य पारम्पर्येण साधकः // 22 // Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org