________________ PARTMENTS VIRTEL 4 - मैं चतुर्थ सर्ग सोलहवाँ प्रकरण देवकुमार सुकोमला का विलाप जब विक्रमादित्य सुकोमला को छोड़ कर चले आये, तब अपने पति को गया हुआ समझ कर वह बहुत करुणा से रुदन करने लगी, उसकी माता ने जब रोने का कारण पूछा तो वह बोली:'वह देव जो मेरा स्वामी था, मुझको छोड़ कर चला गया है।" ___ उसको माता बोली:-" वह देव क्रीडा करने के लिये कहाँ चला गया होगा, क्योंकि देव तो सरोवर, कूप, उद्यान इत्यादि स्थानों में कौतूहल से सदा क्रीडा करते हैं।" अपनी पुत्री सुकोमला को रोते देखकर जब उसके पिता ने पूछा तब भी सुकोमला ने वही उत्तर दिया। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org