________________ पचीसवा प्रकरण शुभ मिलन आनन्दकुमार का पटह स्पर्श ____ आनन्दकुमार के इस प्रकार आग्रह करने पर उस मालिन ने पटह का स्पर्श कर लिया स्पर्श करके लौटने पर आनन्दकुमार के समीप आकर बोली कि मैंने पटह का स्पर्श कर लिया है। इसके बाद राजा के सेवकों ने मालिन का पटह स्पर्श करने का समाचार राजा से कहा / राजा यह समाचार सुन कर अपने मन में अत्यन्त प्रसन्न हुआ। राजा की आज्ञा से उसके सेवकों ने मालिन के घर पर आकर कहा कि 'हे मालिन ! अब शीघ्र ही राजा की कन्या को निरोग करो / ' उन सेवकों की बात सुनकर मालिन घर के अन्दर आकर बोली कि 'कन्या को नीरोग करने के लिए जाओ।" ... उस की बात सुनकर आनन्द बोला कि 'कुछ देर ठहरो / अभी मुझे आराम करने दो।' मालिन ने कहा 'राजा के सेवक मेरे घर आ गये हैं / वे बोलते हैं कि शीघ्रता से राजा के घर जाकर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org