________________ 308 विक्रम चरित्र दिलवाना चाहते हो / आनन्दकुमार ने कुछ समय तक प्रतीक्षा करने को कहा तथा आनन्दकुमार अपनी मांगी हुई जमीन में रह कर आनन्द पूर्वक समय बिताने लगा। न Gantra ANY NS T -1 FUI II-PIL SH Mani धर्मध्वज का प्राण त्याग करने आना . ___कुछ ही दिन बाद अत्यन्त दुःखित चित्तवाला 'धर्मध्वज' प्राणत्याग करने के लिये वहाँ रैवताचल आया / आनन्दकुमार ने अपने सेवकों द्वारा उसे कहलाया कि 'एक मास तक मैं किसी को भी यहाँ मरने नहीं दूंगा यह भूमि मेरी है / ' धर्मध्वज एक मास तक का समय बिताने के लिये सन्तोष करके वहाँ ही रह गया। . इसी प्रकार धीरे धीरे वल्लभीपुर का राजा * महाबल ' अपनी स्त्री के साथ, राजा विक्रमादित्य का पुत्र ‘विक्रमचरित्र' और सिंह नामक किसान ये सब प्राणत्याग करने के लिये वहाँ आये / परन्तु आनन्दकुमार उस समय किसी भी मनुष्य को वहाँ प्राणत्याग नहीं करने देता था और न किसी को गिरनार पर्वत पर चढ़ने ही देता था। इसलिए Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org