________________ wwwmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm 276 विक्रम चरित्र ढूँढने पर भी अभी तक महाबल महाराजा को नहीं मिला है। इसी वार्तालाप के अवसर पर राजा विक्रमादित्य का पुत्र विक्रम चरित्र वहाँ उपस्थित होगया। तब राजा के पुत्र को देख कर वह भट्ट बोला कि 'इसी के योग्य वर वह कन्या है। तब भट्टमात्र अत्यन्त प्रसन्न होकर राजा के समीप उपस्थित हुआ तथा उस भट्ट का कहा हुआ सब वृत्तान्त राजा को कह सुनाया। सब बातें सुनकर राजा ने कहा 'हे भट्टमात्र ! अत्यन्त शीघ्रता से अखण्ड गमन से वहाँ जाओं तथा विवाह की सब बातें तय कर के जल्दी ही लौट आओ।' भट्टमात्र का वल्लभीपुर गमन राजा की आज्ञा सुनकर भट्टमात्र को प्रस्थान करते हुए देखकर विक्रमचरित्र ने अपना खास सेवक मंत्री के साथ भेजा और उसे कहा. कि तुम लोग कन्या की परीक्षा करने जाते हो इसलिये यदि मेरे योग्य वह कन्या हो तो ही विवाह का निश्चय करना अन्यथा नहीं / अनन्तर उस विशाल सेना के साथ वह भट्टमात्र क्रमशः चलता हुआ वल्लभीपुर के समीप जा पहुंचा। ____वल्लभीपुर का राजा इतनी बड़ी विशाल सेना देख कर आश्चर्य चकित हो गया और अपने दूत को सामने भेजा / दूतादि द्वारा विवाह तय करने के लिये इस सेना के साथ राजा विक्रमादित्य का मंत्री भट्टमात्र आया है, ऐसा जान कर नगर के बहार के भाग में उस सेना Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org