________________ मुनि निरंजनविजयसंयोजित को वह सेठ अनेक प्रकार के अच्छे अच्छे वस्त्र, द्रव्य आदि चीजें देगा।' उस आदमी की यह बात सुन कर उन वेश्याओं ने एकान्त में परस्पर विचार किया कि ' इस समय हम लोग वहाँ चले, पहले उस से धन ले लेंगे, पीछे तुम चोर हो, ऐसा कह कर उस.का सब धन लेकर राजा के समीप ले जायेंगे। तब हमें राजा से आठ लाख द्रव्य उत्पन्न करने वाले अनेक गाँव पुरस्कार में मिलेंगे।' ये सब बातें सोच कर उन वेश्याओं ने उस आदमी से कहा 'हम लोग बहुत शीघ्र तैयार होकर नृत्य के लिये आती हैं। तुम इस समय जाओ / ' वेश्यायें आने की बात उस आदमी से जानकर उसको उचित द्रव्य दिया और इक्कठे हुए सब मनुष्यों को हटा दिया तथा सब बोरे एकत्र कर के वह स्वयं वहाँ बैठ गया। वेश्याओं का नृत्य तथा मद्यपान CATEN41 hali म AANTITIN A MIRN Now Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org