________________ श्री (r) वि क म चरित्र (r) * अनु क्र म णि का* पृष्ठ विषय . . पृष्ठ विषय प्रथम सर्ग पृ. 1 से 63. 11 राज्य प्राप्ति का संकेत प्रथम प्रकरण पृ. 1 से 9 13 भर्तृहरि के राज्यत्याग का अवन्ती का पूर्वपरिचय 1 सुनना . 1 अवन्ती का पूर्वपरिचय 13 विक्रमादित्य का अवन्ती 2 गन्धर्वसेन राजा प्रति गमन 3 राजा की मृत्यु व भर्तृहरि तीसरा प्रकरण पृ. 14 से 20 का अभिषेक . राजा भर्तृहरि का दरबार 14 ___4 विक्रमादित्य का अपमान 14 राजा भर्तृहरि का दरबार 5 विक्रमादित्य का अवन्ती 15 अवन्ती वर्णन त्याग तथा अवधूत वेष 15 महल व राजसभा का वर्णन 5 भट्टमात्र से मैत्री 18 ब्राह्मण का आगमन 7 रन प्राप्ति व रत्न को फेंकना 18 दिव्य फल की प्राप्ति और दूसरा प्रकरण पृ. 10 से 13 उसका वर्णन तापी के किनारे 10 / 20 राजा भर्तृहरि को फल की भेंट .10 तापी के किनारे चौथा प्रकरण पृ. 21 से 29.. 10 शृगाली का शब्द और आभू- | भर्तृहरि का संन्यास ग्रहण 21 षण युक्त शब | 21 भर्तृहरि का संन्यास ग्रहण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org