________________ 389 दान व शील का प्रभाव 403 श्रीमती का स्वर्गवास 389 शीलवत पर हेमवती की | 403 श्रीमती का मृत्युलोग में कथा आना व पति को पाप से 390 विद्याधर के द्वारा हैमवती बचाना का हरण 404 राजा की आज्ञा से चाण्डाली 391 विद्याधर को हैमवती का को जल छीटकने का कारण पूछना प्रत्युत्तर | 406 चाण्डाली का रूप धारण 392 शीलरक्षा के लिये हेमवतीने करनेका कारण अपने गले में पाश लगाया 409 नया संवत्सर चलाना 393 तपका प्रभाव व तेजःपुंज | 451 कीर्ति स्तम्भ के लिये आज्ञा 395 गुरु महाराज से तेजःपुंज- 411 सांढ और भैंसा के झगडे में ___का पूर्वभव कथन . राजा का संकट में फँसना बत्तीसवा प्रकरण 399 से 416 412 राजा की शान्ति के लिये शुद्ध भावना पर शिव ब्राह्मण का शांति कर्म राजाकी कथा 399 412 पति-पत्नी का विवाद 399 शुद्ध भावना पर शिव राजा | 413 राजसभा में ब्राह्मग को की कथा बुलाना और आदर करना 40.0 शूर का श्रीमती से लम 416 / / सप्तम सर्ग समाप्त // 400 राजा शिव व धीर की सेना का युद्ध मुनि निरंजनविजय संयोजित :402 सुन्दरी से शिव का लग्न व श्रीविक्रम चरित्र का प्रथम भाग वीर का जन्म समाप्त Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org