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दान महिमा गभितं दान कुलकम्
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वविध धणं पि जायइ,
सिव फलयमहो अणंतगुणं ॥२०॥ ___ आश्चर्य है कि जिनबिंब, आगम, पुस्तकें और साधु साध्वी, श्रावक श्राविकाओं रूप चतुर्विध संघ इन सातों क्षेत्रों में बोया हुआ धन अनन्त गुण फल प्रदान करने वाला होता है ॥ २० ॥
॥ इति श्री दानमहिमा गर्भित-दानकुलकस्य सरलार्थः समाप्तः ॥