Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 271
________________ पधारते हुए प० पू० आ० म० सा० आदि का श्रीसंघ ने स्वागत किया। प्रवचन के पश्चात् प्रभावना हुई । दुपहर में श्री शान्तिनाथ जिनमन्दिर में पंचकल्याण पूजा प्रभावना युक्त पढाई गई। ___(४) मागशर (कात्तिक) वद 8 मंगलवार दिनांक १३.११-७६ को कोसीलाव से सुबह विहार कर खिमाडा में जिनमन्दिर तथा गुरुमन्दिर का दर्शन करके विरामी पधारे । पूज्यपाद आचार्यदेव का व्याख्यान हुआ। दूसरे दिन भी स्थिरता हुई। (५) मागशर (कार्तिक) वद ११ गुरुवार दिनांक १५-११-७६ को विरामी से घाचोरी पधारते हुए श्री संघने दोनों प० पू० आ० म० सा० आदि का स्वागत किया। पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय विकासचन्द्रसूरि म. सा. का प्रवचन के पश्चात् प्रभावना हुई । दुपहर में श्री भभुतमलजी के घर पर दोनों आ० म० आदि के पगला होने के पश्चात् संघ पूजा हुई। श्री तेजराजजी और श्री चमनपलजी के घर पर भी पगलें और प्रभावना हुई । जिनमन्दिर में प्रभावना युक्त पूजा का कार्यक्रम चालु रहा । (६) मागर (कात्तिक) वद १२ शुक्रवार दिनांक १६-११-७६ को चाचोरी से श्री नादाणा तीर्थं पधारते हुए पेढी की ओर से प० पू० आ० म० आदि का स्वागत हुआ।

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