Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 274
________________ भाई ने बोली बोलकर करवाया । उस दिन पूजा आदि का भी विशिष्ट कार्यक्रम रखा गया। (१०) तखतगढ पोष शुद १० शुक्रवार दिनांक २८-१२-७६ को तखतगढ में भव्य प्रवेश एवं वहां विराजमान शांत स्वभावी पू. पंन्यासप्रवर श्री हेमप्रभविजयजी गणिवर्य म. आदि का संमिलन हुआ । पू. मुनि श्री सत्यविजयजी म. तथा पू. मुनि श्री लक्ष्मीविजयजी म. आदि का भी संमिलन हुआ। संघवी श्री चुनीलाल वीशाजी के घर पगला होने के पश्चात् उसी दिन शा. सांकलचन्दजी दानजी के घर पद्मावती सुनाने के बाद उन्होंने करिव ४। ( सवा चार लाख ) की रकम शुभ खाते में घोषितः की। प. पू. आ. म. सा. का दोपहर में जाहेर व्याख्यान दो दिन रहा। विद्वान् पू. मणिप्रभविजयजी म. का भी साथ में । (११) श्री नाकोडा तीर्थ__महाचमत्कारी-राजस्थान का गौरव संपन्न श्री नाकोड़ा पाश्वनाथ जैन तीर्थ पर तखतगढ़ निवासी संघवी श्री चुन्नीलाल वीशाजी द्वारा आयोजित श्री उपधान तप के मंगल प्रसंग पर महा शुद ५ मंगलवार दिनांक २२-१.८० को शानदार प्रवेश हुआ।

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