Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 273
________________ नवाचार्य श्री मनोहरसूरिजी म. सा.) अदि ठाणा-१३, तथा ३५ साध्वीजी एवं करीव १०० यात्री थे, संघपति की उदारता एवं व्यवस्था प्रशंसनीय थी। 'प्रत्येक स्थल में व्याख्यान-पूजा-प्रभावना तथा स्वामीवात्सल्य आदि का प्रोग्राम शानदार रहा | घाणेराव में श्री नाकोडा तीर्थोद्धारक प. पू. आ. श्रीमद्विजय हिमाचलसूरीश्वरजी म. आदि का संमिलन हुआ। (२) शिवगंज धर्मनिष्ठ-विधिकारक शा राजमलजी सागरमलजी की ओर से श्री उद्यापन श्री सिद्धचक महापूजन-श्री वीशस्थानक महापूजन युक्त महोत्सव के निमित्त पोस ( मागशर ) वद ७ मंगलवार दिनांक ११-१२-७६ को शिवगंज मैं भव्य नगर प्रवेश हुआ था । | उद्यापन-दो महापूजन युक्त उपरोक्त महोत्सव शानदार संपन्न हुआ। (ह) विवान्दी पोस शुद : गुरुवार दिनांक २७-१२-७६ को विजापुर निवासी ध्वज केशरी शा. शेपमलजी सत्तावत को श्री वर्धमान तप की ६६ वी ओली का अनुमोदनीय पारणा पू. आचार्य भगवन्त श्री की निश्रा में खिवान्दी निवासी एक

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