Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 269
________________ ३१ [ ११ ] पूज्य श्री भगवती सूत्र के प्रथम शतक की पूर्णाहुति श्रादि मागशर (कात्तिक) वद ५ गुरुवार दिनांक ८-११-७ε को व्याख्यान में पूज्य श्री भगवती सूत्र के प्रथम शतक की पूर्णाहुति हुई । पूर्ववत् गीनी आदि के पांच पूजन प्रभावना, जुलूश तथा ४५ आगम की पूजा का भी कार्यक्रम रहा । [१२] गुडाबालोतान से जवाली तरफ विहार (१) मागशर ( कात्तिक) वद ६ शनिवार दिनांक १०-११-७६ को पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयसुशील - सूरीश्वरजी म. सा., पूज्यपाद आचार्य श्रीमद्विजयविकासचन्द्रसूरिजी म. सा. तथा पूज्य उपाध्याय श्री विनोदविजयजी गणिवर्य म. सा. आदि सुबह गुडावालोतान से विहार करते समय श्री जैन संघ और गुडा श्री जैन छात्रावास का बेन्ड तथा सब विद्यार्थियों को . पू. आ. म. सा. ने मंगल प्रवचन सुनाया और सबको भिन्न भिन्न प्रतिज्ञा करवाई | पश्चात् श्रीसंघ ने अश्रुधारा नयनों से विदायगिरि देते हुए पू. आचार्य महाराजादि मुनिमण्डल सहित अगवरी और उमेदपुर तरफ विहार किया ।

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