Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

View full book text
Previous | Next

Page 267
________________ चौमासी चौदश की आराधनाप. पू. आ. म. स. की पावन निश्रा में चौमासी चौदश की आराधना चतुर्विध संघने देववन्दन युक्त सुन्दर की। चौमासी व्याख्यान का भी लाभ श्रीसंघ को अच्छा मिला । [८] चातुर्मास परावर्तनकात्तिक शुद १५ रविवार दिनांक ४-११-७६ को प. पू० आ. म. सा. आदि सभी मुनिवृन्द का तथा पू. साध्वी समुदाय का चातुर्मास परावर्तन बेन्ड युक्त श्री संघ की तरफ से हुआ। तीन जिनमन्दिर में तथा जैन छात्रावास के जिनालय में भी प्रभावना युक्त पूजा का कार्यक्रम रहा । श्री सिद्धाचल महातीर्थ के पट्टदर्शन तथा २१ खमासमण का भी कार्यक्रम सोत्साह रहा । रथ, इन्द्रध्वज, पालखी तथा बेन्ड युक्त वरघोडा श्रीसंघ की ओर से निकला । [ ] मागसर (कार्तिक) वद १ सोमवार दिनांक ४-११-७६ को सुबह पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. पूज्य बालमुनि श्री जिनोत्तमविजयजी म. आदि

Loading...

Page Navigation
1 ... 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290