Book Title: Kulak Sangraha
Author(s): 
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 266
________________ [५] ज्ञानपंचमी की आराधनाप. पू. आ. म. सा. की शुभ निश्रा में कार्तिक शुद ५ शुक्रवार ज्ञानपंचमी की आराधना शणगारेल ज्ञानसमच देववन्दन पूर्वक सुन्दर हुई । प्रवचन का लाभ प. पू. आ. श्रीविजयविकासचन्द्रसूरिजी म. सा. द्वारा श्रीसंघ को मिलता रहा । प्रभावना युक्त पूजा का भी कार्यक्रम चालू रहा । थांवला गांव में पूजा तथा स्वामीवात्सल्य कार्तिक शुद ह सोमवार दिनांक २९-१०-७६ को पूज्यपाद् आचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. चतुर्विध संघ युक्त गुडाबालोतान से थांवला गांव में पधारते हुए श्रीसंघ ने स्वागत किया । जिनमन्दिर के दर्शन बाद आ. म. सा. का प्रवचन हुआ। शा हीराचन्द चुनीलालजी तथा शा. लखमीचन्दजी.........के वहां पर चतुर्विध संघ युक्त प. पू. आ. म. सा. पधारे । ज्ञानपूजन और मांगलिक प्रवचन के पश्चात् प्रभावना हुई । जिनमन्दिर के सम्बन्ध में संघ को मार्गदर्शन देकर पूज्यपाद आचार्य म. सा. गुडावालोतान पधार गये ।

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