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नूतनवर्ष का मंगलाचरण, जुलुस एवं पूजन
श्री वीर सं० २५०६ विक्रम सं० २०३६ नेभि सं० ३१ कात्तिक शुक्ला १ सोमबार नूतन वर्ष का प्रारम्भ |
(१) प. पू. आ. श्रीमद्विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. ने मंगलाचरण – मंगलप्रार्थना - श्री गौतमाष्टक सुनाया ।
प. पू. आ. श्रीमद्विजय विकासचन्द्रसूरिजी म. सा. ने श्री गौतमस्वामीजी का रास सुनाया ।
प. पू. उपाध्याय श्री विनोदविजयी गणिवर्य म. सा. ने सातस्मरण सुनाया ।
पू. बालमुनि श्री जिनोत्तमविजयजी म. सा. ने श्रीनेमि सूरीश्वराष्टक सुनाया । प्रभावना हुई । पश्चात् - (२) प्रभु का रथ - पालखी - इन्द्रध्वज तथा बेन्ड युक्त जुलुसवरघोडा निकला |
(३) दोपहर में श्री पार्श्वनाथ प्रभु के १०८ नाम का पूजन पढाया गया और प्रभावना संघ की ओर से की गई। स्थापनाचार्य का भी विधियुक्त पूजन प. पु. आ. श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. ने किया ।