________________
६४]
पुण्य-पाप कुलकम्
एक नवकार के कायोत्सर्ग में आठ श्वासोच्छ्वास होते हैं, अतः उन्नीस लाख तिरसठ हजार दो सौ सडसठ पल्योपम का देवगति आयुष्य एक नवकार मन्त्र का कायोत्सर्ग करने वाला जीव बांधता है ॥ १४ ॥ लक्खिग सट्टी पणतीस,
___ सहस दुसय दसपलिय देवाउ । बंधइ अहियं जीवो,
॥१५॥ इकसठ लाख पैतीस हजार दो सौ दस पल्योपम से कुछ अधिक देवगति का आयुष्य पच्चीस श्वासोच्छ्वास ( एक लोगस्स ) का काउस्सग्ग करने वाला जीव बांधता
पणवीसुसासउस्सग्गे
एवं पावपरायाणं,
हवेइ निरयाउ अस्स बंधो वि। इय नाउं सिरि जिणकित्ति
अम्मिधम्मम्मि उज्जमं कुणह ॥१६॥