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[७] श्री पर्युषणा महापर्व में 'अष्टाह्निका-महोत्सव' पूजा प्रभावना युक्त शा. वीरचन्द सांकलचन्द एण्ड कम्पनी की ओर से रहा।
श्री पर्युषणा महापर्व की आराधना शासनप्रभावना पूर्वक प. पू. आचार्यप्रवर श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. की शुभ निश्रा में सुन्दर हुई।
[अगवरी में प. पू. आ. श्रीमद्विजयविकासचन्द्ररिजी म. सा. की शुभ निश्रा में श्री पर्युषण महापर्व की आराधना अच्छी हुई ।
भादरवा शुद ५ मंगलवार के दिन तपस्वीओं के तथा गरम पानी पीने वाले तक के पारणे गुडावालोतान निवासी शा. सोहनराज धनरूपजी की तरफ से हुए।
स्थ, इन्द्रध्वज, पालखी, हाथी, घोड़े, मोटर तथा दो बेन्ड आदि युक्त जुलूस ( वरघोडा ) शानदार निकला । भादरवा शुद आठम तक व्याख्यान में और प्रभु की पूजा में प्रभावना का कार्यक्रम चालू रहा ।