Book Title: Kasaypahudam Part 08
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh
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गा० २६ ]
एयजीवेण कालो ॐ सम्मत्तस्स संकामो केवचिरं कालादो होदि ?
८८. सुगमं । * जहणणेण अंतोमुहत्तं ।। ६८९. सव्वजहण्णमिच्छत्तकालावलंबणादो।
® उकस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो । ६ ९०. दीहयरुव्वेल्लणकालग्गहणादो । 8 सम्मामिच्छत्तस्स संकामओ केवचिरं कालादो होदि ? ९१. सुगमं । ॐ जहणणेण अंतोमुहुत्तं ।
९२. सव्वजहण्णमिच्छत्त-सम्मत्तगुणकालमण्णदरस्स ग्गहणादो। का उत्कृष्ट काल ही यहां पर लेना चाहिये, क्योंकि क्षायिकसम्यग्दृष्टिके मिथ्यात्वका संक्रम नहीं होता। उसमें भी वेदकसम्यक्त्वके कालमेंसे मिथ्यात्वके श्रावलिमें प्रवेश करने के कालसे लेकर सम्यग्मिथ्यात्व और सम्यक्त्वके क्षपणातक के कालका त्याग कर देना चाहिये । इस प्रकार जो भी काल बचता है वह अन्तर्मुहूर्त अधिक छयासठ सागर होता है, अतः मिथ्यात्वके संक्रमका उत्कृष्ट काल इतना बतलाया है।
* सम्यक्त्वके संक्रामकका कितना काल है ? ६८८. यह सूत्र सुगम है। * जघन्य काल अन्तर्मुहूर्त है। ६८६. क्योंकि यहाँ पर मिथ्यात्वके सबसे जघन्य कालका अवलम्बन लिया है। * उत्कृष्ट काल पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण है। ६६०. क्योंकि यहाँ पर सम्यक्त्वकी उद्वेलनाके सबसे बड़े कालका ग्रहण किया है ।
विशेषार्थ—सम्यक्त्व प्रकृतिका संक्रामक मिथ्यादृष्टि जीव होता है, अतः मिथ्यात्व गुणस्थानका जो जघन्य काल है वह सम्यक्त्वके संक्रमका जघन्य काल बतलाया है। पर उत्कृष्ट कालमें कुछ विशेषता है। बात यह है कि मिथ्यात्व गुणस्थानमें चिरकाल तक सम्यात्वकी सत्ता नहीं पाई जाती। किन्तु सम्यक्त्व प्रकृति उद्वेलना प्रकृति होनेसे उत्कृष्ट उद्वेलनाका जितना काल है उतना सम्यक्त्व प्रकृतिके संक्रमका उत्कृष्ट काल प्राप्त होता है। यतः सम्यक्त्वका उत्कृष्ट उद्वेलना काल पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण है अतः सम्यक्त्वका उत्कृष्ट संक्रमकाल भी उतना ही बतलाया है। किन्तु उद्वेलनाके अन्तमें जब सम्यक्त्व प्रकृति प्रावलिमें प्रविष्ट हो जाती है तब उसका संक्रम नहीं होता इतना विशेष जानना चाहिये। इससे सम्यक्त्वके उत्कृष्ट उद्वेलनाकालमेंसे इतना काल कम कर देना चाहिए।
* सम्यग्मिथ्यात्वके संक्रामकका कितना काल है ? ६१. यह सूत्र सुगम है। * जघन्य काल अन्तमुहूर्त है।
६६२. क्योंकि यहांपर मिथ्यात्व या सम्यक्त्व गुणस्थानके सबसे जघन्य कालमेंसे किसी एकका ग्रहण किया है
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