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अनगार
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बध्याय
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भावार्थ - तपके विषय में पांच आराधनाएं बताई हैं-उद्योतन उद्यवन निर्वहण साधन और निस्तरण । दिपयामिलाषाको छोडकर हिंसाका त्याग करना उद्योतन, निर्मल तपमें उद्यत रहना उद्यवन, उस तपमें ही लीन रहना निर्वहण, और उस तपस्या में अंतिम दर्जे की उन्नति करना साधन, तथा उस तपोजनित आनन्दमें मरणान्त निमग्न रहना निस्तरण कहा जाता है। इन पांच आराधनाओंमें रत रहनेवाला ही साधु देव और मनुष्यगति के उत्कृष्ट अभ्युदयोंका भोगकर जीवन्मुक्ति और अंतमें परममुक्तिको प्राप्त होता है ।
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धम