Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वीन्द्रिय संसारसमापन्न जीवों की प्रज्ञापना द्वीन्द्रिय जीवों की जाति एवं योनियाँ त्रीन्द्रिय संसारसमापन्न जीवों की प्रज्ञापना चतुरिन्द्रिय संसारसमापन्न जीवों की प्रज्ञापना चतुर्विध पंचेन्द्रिय संसारसमापन्न जीवों की प्रज्ञापना नैरयिक जीवों की प्रज्ञापना
समग्र पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक जीवों की प्रज्ञापना
३ भेद – जलचर, स्थलचर, खेचर । जलचर के पांच भेद
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थलचर पंचेन्द्रिय के विविध भेद
आसालिक की उत्पत्ति कहाँ ?
खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक के विविध भेद चर्मपक्षी, लोमपक्षी, समुद्गपक्षी, विततपक्षी समग्र मनुष्य जीवों की प्रज्ञापना सम्मूच्छिम मनुष्य उत्पत्ति के १४ स्थान गर्भज मनुष्य के तीन प्रकार अन्तद्वीपक मनुष्य के अट्ठाईस भेद कर्मभूमक मनुष्य के तीस भेद कर्मभूमक मनुष्य : दो भेद म्लेच्छ (अनार्य) भेद
आर्य के विविध भेद
ऋद्धि प्राप्त आर्य : ६ भेद ( अरहंत, चक्रवर्ती आदि)
ऋद्धि- अप्राप्त आर्य : नौ भेद
क्षेत्रार्य : साढ़े छब्बीस आर्यक्षेत्र
जात्या
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- छह प्रकार
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कुलार्य :- छह प्रकार
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१०५-१०६ कर्मार्य — शिल्पार्य : विविध भेद १०७ भाषार्य कौन ? लिपि के १८ भेद १०८-१३८ ज्ञानार्य- दर्शनार्य चारित्रार्य : विविध भेद
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आर्य-म्लेच्छ
विवेचन — अन्तद्वपक मनुष्य – कहाँ, कैसे ? अकर्मभूमक तथा आर्य जातियाँ - विवेचन चारित्रार्यः विविध समीक्षाएँ
चतुर्विध देवों की प्रज्ञापना
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