Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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तृतीय बहुवक्तव्यतापद] असंखेजगुणा २, सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तया असंखेन्जगुणा ३, सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा ४।
__ [२५०-२ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों और बादर पृथ्वीकायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
। [२५०-२ उ.] गौतम! १. सबसे थोड़े बादर पृथ्वीकायिक-पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर पृथ्वीकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं (और उनसे भी) ४. सूक्ष्म पृथ्वीकायिक-पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं।
[३] एएसि णं भंते! सुहुमआउकाइयाणं बादरआउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे करतेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा बादरआउकाइया पज्जत्तया १, बादरआउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा २, सुहुमआउकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा ३, सुहुमआउकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा ४।
. [२५०-३ प्र.] भगवन् ! इन सूक्ष्म अप्कायिकों और बादर अप्कायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[२५०-३ उ.] गौतम! १. सबसे अल्प बादर अप्कायिक-पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर अप्कायिकअपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं; ३. (उनसे) सूक्ष्म अप्कायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। (और उनसे भी) ४. सूक्ष्म अप्कायिक-पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं।
[४] एएसि णं भंते! सुहुमतेउकाइयाणं बादरतेउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पज्जत्तगा १, बादरतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा २, सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा ३, सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा ४।
[२५०-४ प्र.] भगवन्! इन सूक्ष्म तेजस्कायिकों और बादर तेजस्कायिकों के पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
[२५०-४ उ.] गौतम! १. सबसे कम बादर तेजस्कायिक-पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) बादर तेजस्कायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) सूक्ष्म तेजस्कायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे भी) सूक्ष्म तेजस्कायिक-पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं।
__ [५] एएसि णं भंते सुहुमवाउकाइयाणं बादरवाउकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा बादरवाउकाइया पज्जत्तया १, बादरवाउकाइया अपज्जत्तया