Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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२८०]
[प्रज्ञापना सूत्र २९०. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा' उड्डलोयतिरियलोए १, तेलोक्के संखेज्जगुणा २, अधोलोयतिरियलोए संखेजगुणा ३, अधेलोए संखेन्जगुणा ४, तिरियलोए संखेज्जगुणा ५, उड्डलोए असंखेज्जगुणा ६।
[२९०] क्षेत्र के अनुसार १. सबसे कम वैमानिक देव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणे हैं, ६. (और उनसे भी) उर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे
२९१. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ वेमाणिणीओ देवीओ उड्डलोयतिरियलोए १. तेलोक्के संखेजगुणाओ २, अधेलोयतिरियलोए संखेज्जगुणाओ ३, अधेलोए संखिजगुणाओ ४, तिरियलोए संखेज्जगुणाओ ५, उड्डलोए असंखेज्जगुणाओ ६।
[२९१] क्षेत्र की अपेक्षा से १. सबसे कम वैमानिक देवियाँ ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं, ३. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं, ४. (उनसे) अधोलोक में संख्यातगुणी हैं, ५. (उनसे) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं। (और उनसे भी) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणी हैं। ___ २९२. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा उड्डलोयतिरियलोए १, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया २, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ३, तेलोक्के असंखेन्जगुणा ४, उड्डलोए असंखेन्जगुणा. ५, अधोलोए विसेसाहिया ६।
। [२९२] क्षेत्र के अनुसार १. सबसे कम एकेन्द्रिय जीव ऊर्ध्वलोक्-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं और ६. और (उनसे) भी अधोलोक में विशेषाधिक हैं।
२९३. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिंदिया जीवा अपज्जत्तगा उडलोयतिरियलोए १, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया २, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ३, तेलोक्के असंखेज्जगुणा ४, उड्वलोए असंखेज्जगुणा ५, अधोलोए विसेसाहिया ६। ___ [२९३] क्षेत्र के अनुसार १. सबसे कम एकेन्द्रिय-अपर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक्-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणे हैं और ६. और (उनसे) भी अधोलोक में विशेषाधिक हैं।
२९४. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिंदिया जीवा पज्जत्तगा उड्डलोयतिरियलोए १,
१. ग्रन्थाग्रम् २०००