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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास ये प्रवृत्तियाँ जैनधर्म में शामिल हुई हैं । ये विचारणीय प्रवृत्तियाँ कौन-कौन-सी हैं उन्हें मूल ग्रन्थ के आधार पर निम्न रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं
१. घर में प्रतिमा बनवाने या चित्रित करवाने का क्या आधार है ? २. अल्पवयस्क बच्चों को दीक्षा देने का आधार क्या है? ३. दीक्षा के समय नाम बदल देने का आधार क्या है ? ४. कानों में छेद करवाने की परम्परा का आगमिक आधार क्या है ? ५. देवप्रतिमा के समक्ष खमासणा देना किसकी परम्परा है? (खमासणा गुरु ___ को दिया जाता है, देव को नहीं) ६. गृहस्थ के घर में बैठने का आगमिक आधार क्या है ? ७. प्रतिदिन एक ही घर में भिक्षा के लिए जाने का आगमिक आधार क्या है? ८. स्नान करने का कहना और स्नान करना- इसका आगमिक आधार क्या
९. ज्योतिष का प्रयोग करना- इसका आगमिक आधार क्या है ? १०. कलवानी करके देते हैं ये किसकी परम्परा है? ११. नगर में प्रवेश करते समय सामेला आदि करवाने का आगमिक आधार
क्या है ? १२. लड्डुओं की स्थापना करना किस आगम में कहा गया है ? १३. पुस्तक पूजवाना/पुस्तक की पूजा करवाने का आगमिक आधार क्या है? १४. संघपूजा करवाने का आगमिक आधार क्या है ? १५. मूर्ति की प्रतिष्ठा करवाने का आगमिक आधार क्या है? १६. पर्युषण में नयी पुस्तक ग्रहण करना- इसका आगमिक आधार क्या है? १७. यात्रा हेतु बोली लगवाते हैं, यह किसकी परम्परा है? १८. मात्रा (प्रस्रवण) देने का आगमिक आधार क्या है ? १९. वनस्पति के तोरण आदि बँधवाना- इसका आगमिक आधार क्या है ? २०. साधु के निमित्त बनवायी गयी पोषधशाला में रहने का आगमिक आधार
क्या है ? २१. सिद्धान्त की प्रभावना की बात तो करते हैं, किन्तु आगम की वाचना
नहीं करते। यह किसकी परम्परा है?
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