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धर्मदासजी की पंजाब, मारवाड़ एवं मेवाड़ की परम्पराएं आपकी माता का नाम श्रीमती बदामदेवी व पिता का नाम सेठ बलदेवसहाय था। वि०सं० १९४२ में भटिन्डा के निकस्थ झुम्बा भाई का कस्बा नामक स्थान पर आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९७६ भाद्रपद कृष्णा द्वितीया को सिरसा के मण्डी डबवाली में आप स्वर्गस्थ हुये। आपके पाँच प्रमुख शिष्य हुये
श्री जवाहरलालजी, श्री विनयचन्दजी, श्री पन्नालालजी, श्री माणकमुनिजी और श्री केशरीचन्दजी। मुनि श्री जवाहरलालजी
.. आपका जन्म वि० सं० १९२३ में हुआ। आपके पिता का नाम लाला दीवानचन्दजी तथा माता का नाम श्रीमती जयन्तीदेवी था। वि० सं० १९५० में पिन्नाणा नगर में आप दीक्षित हुये। वि० सं० १९८८ मार्गशीर्ष शुक्ला प्रतिपदा के दिन फरीदकोट में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री विनयचन्दजी
आपका जन्म पटियाला के धनौड़ में हुआ। आपके पिता का नाम श्री लक्ष्मणदास था। वि०सं० १९५७ में आप दीक्षित हुये । वि०सं० १९९५ के आश्विन मास में सिरसा में आपका स्वर्गवास हो गया। मुनि श्री पन्नालालजी
आपका जन्म वि०सं० १९४५ फाल्गुन सुदि अष्टमी को राजस्थान के दाबा नामक ग्राम में हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती तीजादेवी व पिता का नाम श्री जीतमल बोथरा था। वि०सं० १९६६ कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिरसा के डबवाली मण्डी में आप मुनि श्री श्रीचन्दजी के कर-कमलों में दीक्षित हुये। ९० वर्ष की आयु में ६९ वर्ष संयमजीवन व्यतीत कर वि०सं० २०३५ मार्गशीर्ष शुक्ला पूर्णिमा तदनुसार १५-१२-१९७८ को बरनाला में आप स्वर्गस्थ हुये। कविरत्न श्री चन्दनमुनिजी आपके एक मात्र शिष्य हैं। कविरत्न मुनि श्री चन्दनमुनिजी (पंजाबी)
___ आपका जन्म वि०सं० १९७१ कार्तिक कृष्णा नवमी के दिन भटिंडा (फिरोजपुर) क्षेत्र के त्योना ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री रामलालजी बोथरा और माता का नाम श्रीमती लक्ष्मीदेवी था। आपने वि०सं० १९८८ में आचार्य श्री जवाहरलालजी के शिष्य मुनि श्री गब्बुलालजी से दिल्ली में कुछ जैन शास्त्रों का अध्ययन किया और सवा सतरह वर्ष की अवस्था में मुनि श्री पन्नालाल जी के पावन चरणों में वि०सं० १९८८ वसन्तपंचमी (माघ शुक्ला पंचमी) के दिन आर्हती दीक्षा अंगीकार की। आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्मारामजी ने अपने मुखारविन्द से दीक्षा-पाठ पढ़ाया। पूज्य श्री उस समय उपाध्याय थे। कविरत्न श्री की लेखनी ने अब तक ११ से भी अधिक प्रबन्धकाव्य और तीन से
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