________________
Jain Education International
उप शाखा-१
(३) पूज्य श्री मयाचन्दजी महाराज
(४) पूज्य श्री दानाजी महाराज
श्री वदीचन्दजी
श्री भारमलजी
श्री रूपचन्दजी
श्री किसनलालजी
श्री रामचन्द्रजी
For Private & Personal Use Only
श्री मयाचन्दजी
४३५
उप शाखा-२ (३) श्री अमरजी महाराज
श्री घासीरामजी श्री भेरुलालजी त. श्री स्वरूपचन्दजी श्री सिरेमलजी
(४) त. श्री परशरामजी महाराज
श्री सूरजमलजी
श्री मूलचन्दजी
श्री नंदरामजी श्री दलीचंदजी
श्री सरूपचंदजी
त. श्री दीपचंदजी कवि
श्री प्रेमचंदजी
www.jainelibrary.org
श्री रूघनाथजी (पूज्य श्री परशरामजी महाराज के समय में कुछ मतभेद हो जाने के कारण कुछ समय तक यह संत-परिवार अलग रहा । फिर समाधान हो जाने के बाद पुनः सब संत सम्मिलित हो गये । दोनों उपशाखाओं में अब कोई संत विद्यमान नहीं हैं।