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२०२६
आचार्य जीवराजजी और उनकी परम्परा
१८९ वि०सं०
वि०सं० स्थान २०१४ आगरा
२०३६ बम्बई (खार) २०१५ हरमाड़ा
२०३७ बम्बई (बालकेश्वर) २०१६ रूपनगढ़
२०३८ हैदराबाद (रामकोट) २०१७ हरमाड़ा
२०३९ देवलाली कैम्प (महा०) २०१८ हरमाड़ा
२०४० आबू पर्वत २०१९ रूपनगढ़
२०४१ आबू पर्वत २०२० जोधपुर (सिंहपोल)
२०४२
आबू पर्वत २०२१ सोजतसिटी
२०४३ सांडेराव २०२२ दिल्ली (कोल्हापुर) २०४४ आबू पर्वत २०२३ दिल्ली (शोरकोठी) २०४५
आबू पर्वत २०२४
दिल्ली (तिमारपुर) २०४६ आबू पर्वत २०२५ सांडेराव
२०४७ पीह (मारवाड़) मदनगंज-किशनगढ़ २०४८ जोधपुर (महावीर भवन) २०२७ रिड (मारवाड़)
२०४९ जोधपुर (सूरसागर) २०२८ सादड़ी
२०५०
मदनगंज-किशनगढ़ २०२९ फूलियांकलां
२०५१ सांडेराव २०३०
जोधपुर (सिंहपोल) २०५२ अम्बाजी (उ०प्र०) २०३१ कुचेरा
२०५३ सादड़ी २०३२ विजयनगर
२०५४ आबू पर्वत २०३३ अहमदाबाद (ललितकुंज) २०५५ अम्बाजी २०३४ अहमदाबाद (नवरंगपुरा) २०५६ आबू पर्वत २०३५ अहमदाबाद (शाहीबाग) २०५७ आबू पर्वत उप-प्रवर्तक श्री विनयमुनि 'वागीश'
आपका जन्म राजस्थान के टोंक नामक नगर में हुआ। आपकी जन्म-तिथि ज्ञात नहीं है और न ही माता-पिता का नाम उपलब्ध हो पाया है। वि०सं० २०२५ माघ पूर्णिमा को उपाध्याय कन्हैयालालजी 'कमल' के शिष्यत्व में प्रवर्तक श्री मरुधरकेसरीजी द्वारा आपने आहती दीक्षा ग्रहण की। दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात् आपने आगम ग्रन्थों का गहन अध्ययन किया। संस्कृत, प्राकृत, अंग्रेजी, हिन्दी, गुजराती, राजस्थानी आदि भाषाओं के आप अच्छे जानकार हैं। दिनांक ४ फरवरी २००१ को आबू (राज०) में आप श्रमणसंघ के उप-प्रवर्तक पद पर प्रतिष्ठित हये। आप एक ओजस्वी वक्ता, नयी - नयी योजनाओं को क्रियान्वित करने व सेवा कार्यों को गति देने में सिद्धहस्त हैं। पूज्य गुरुदेव मुनि श्री कन्हैयालालजी 'कमल' की आपने
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