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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास
पिता का नाम श्री हिमलाल उपाध्याय व माता का नाम श्रीमती नर्मदादेवी उपाध्याय है। हाई स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त कर सन् १९७३ में आप भारत आये । यहाँ सहृदय गुरु श्री सुमतिप्रकाशजी की प्रेरणा तथा सम्यक् धर्म दिवाकर श्री शान्तिस्वरूपजी के सान्निध्य ने आपको जिनशासन की सेवा हेतु मार्ग प्रशस्त किया। फलतः २६ अप्रैल १९७४ को सन्तरत्न श्री सुमतिप्रकाशजी के श्री चरणों में आपने आर्हती दीक्षा ली। दीक्षोपरान्त आपने शास्त्री तथा एम०ए० तक की शिक्षा प्राप्त की। आपके तीन प्रमुख शिष्य हैं- मुनि श्री अचलमुनिजी, मुनि श्री मणिभद्रमुनिजी और मुनि श्री चेतनमुनिजी । मुनि श्री हर्षवर्द्धनमुनिजी
आपका जन्म मेरठ के हिलवाड़ी ग्राम में हुआ । आपके पिता का नाम श्री प्रेमचन्दजी है । १० मार्च १९८४ को रतिया में आपने मुनि श्री सुमतिप्रकाशजी के श्री चरणों में दीक्षा ग्रहण की।
मुनि श्री अभिषेकमुनिजी
आपका जन्म २ अक्टूबर १९६७ को हरियाणा के रोहतक में हुआ। आपके पिता का नाम श्री धर्मचंदजी शर्मा है। १५ मार्च १९८४ को रानियां में मुनि श्री सुमतिप्रकाशजी के श्री चरणों में आर्हती दीक्षा ग्रहण की।
मुनि श्री सौरभमुनिजी
आप तपस्वीरत्न मुनि श्री सुमतिप्रकाशजी के पाँचवें शिष्य हैं। आपके विषय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायी है। आपके एक शिष्य हैं- मुनि श्री हेमन्तमुनिजी।
मुनि श्री आगममुनिजी
आप मुनि श्री सुमतिप्रकाशजी के छठे शिष्य हैं। आपके एक शिष्य हैं- मुनि श्री स्थिरमुनिजी ।
मुनि श्री श्रेणिकमुनिजी
आप मुनि श्री सुमतिप्रकाशजी के सातवें शिष्य हैं। आपके विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है। आपके एक शिष्य हैं- मुनि श्री जाग्रतमुनि । मुनि श्री जयन्तीमुनिजी, मुनि श्री दीपचन्दमुनिजी, मुनि श्री समकितमुनिजी का जीवन परिचय उपलब्ध नहीं हो सका है।
मुनि श्री विचक्षणमुनिजी
आपका जन्म ६ दिसम्बर १९५८ को नेपाल के कार्कीनेट पर्वत ग्राम में हुआ। आपके बचपन का नाम श्री प्रेमनारायण उपाध्याय है। आपके पिता का नाम पंडित श्री
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