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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास मुनि श्री साकरचन्दजी. स्वामी.
आपके जीवन के विषय में कोई सूचना उपलब्ध नहीं होती है। मुनि श्री लाघाजी स्वामी
कच्छ के भोरारा में आपका जन्म हुआ। वि० सं० १९३० मार्गशीर्ष वदि अष्टमी को मांडवी में आपकी आहती दीक्षा हुई। वि०सं० १९८१ श्रावण सुदि एकादशी को विरमगाम (गुजरात) में आपका स्वर्गवास हुआ। मुनि श्री आसकरणजी स्वामी
विहडा (कच्छ) में आपने जन्म लिया। वि० सं० १९३१ कार्तिक वदि दशमी को मुन्द्रा में आपने दीक्षा ग्रहण की। लीम्बड़ी में वि० सं० १९४३ कार्तिक वदि पंचमी को आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री माणकचन्द्रजी स्वामी
आपका जन्म विहडा में हुआ। वि० सं० १९३१ कार्तिक वदि दशमी को मुन्द्रा में आपकी दीक्षा हुई। जेतपुर में आप परलोक को सिधारे। आप मुनि श्री आसकरणजी के सांसारिक पुत्र थे। मुनि श्री जेठमलजी स्वामी
आपका जन्म विहडा में हुआ। वि०सं० १९३१ कार्तिक वदी दशमी को मुन्द्रा में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९४६ भाद्र सुदि द्वितीया को जामनगर में आप स्वर्गस्थ हुये। आप मुनि श्री आसकरणजी के सांसारिक पुत्र थे। मुनि श्री कस्तूरचन्दजी स्वामी
गुजरात के घोलेरा ग्राम में आपका जन्म हुआ। घोलेरा में ही वि०सं० १९३१ माघ वदि नवमी को आपने आहती दीक्षा ग्रहण की। वि० सं० १९७९ कार्तिक पूर्णिमा को लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री मंगलजी स्वामी
आपने रापर में जन्म लिया। वि०सं० १९३४ आसोज (आश्विन) सुदि पंचमी को आपने दीक्षा ग्रहण की। वि०सं० १९७२ आषाढ़ द्वादशी को लाकडिया में आपने स्वर्ग के लिये प्रयाण किया। मुनि श्री हरखचन्द्रजी स्वामी.
आपका जन्म सौराष्ट्र के रामपुरा में हुआ। वि० सं० १९३४ माघ सुदि पंचमी को मोरबी में आपने आहती दीक्षा ली। वि०सं० १९६५ मार्गशीष वदि में घोलेरा में आप स्वर्गस्थ हुये।
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