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धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय
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और श्री हंसराजजी स्वामी का परिवार तेरापंथ सम्प्रदाय की सामाचारी और मान्यता कुछ अंश में स्वीकृत कर लेने के कारण आठकोटि नानीपक्ष कहलाया । '
कच्छ आठकोटि मोटी पक्ष की पट्ट परम्परा
आचार्य हस्तीमलजी के अनुसार कच्छ आठकोटि मोटी पक्ष की पट्टपरम्परा निम्नरूप में है - श्री इन्द्रचन्द स्वामी इस सम्प्रदाय के आद्य प्रवर्तक थे। इनके पाट पर श्री सोमचन्दजी स्वामी विराजित हुये। श्री सोमचन्दजी स्वामी के पश्चात् श्री भगवानजी स्वामी ने संघ की बागडोर सम्भाली। श्री भगवानजी स्वामी के पश्चात् श्री थोभणजी स्वामी पटासीन हुये। श्री थोभणजी स्वामी के पश्चात् श्री करसनजी पट्ट पर आसीन हुये। श्री करसनजी के पट्टधर के रूप में श्री देवकरणजी पट्ट पर विराजित हुये । श्री देवकरणजी के पट्टपर श्री डाह्याजी, श्री डाह्याजी के पट्टपर श्री देवजी, श्रीदेवजी के पट्ट पर श्रीरंगजी, श्री रंगजी के पट्ट पर श्री केशवजी, श्रीकेशवजी के पट्ट पर श्री करमचन्दजी, श्री करमचन्दजी के पट्ट पर श्री देवराजजी, श्री देवराजजी के पट्ट पर श्री मौणसीजी, श्री मौणसीजी के पट्ट पर श्री करमसीजी, श्री करमसीजी के पट्ट पर श्री व्रजपालजी, श्री व्रजपालजी के पट्ट पर श्री कानमलजी, श्री कानमलजी के पट्ट पर श्री नागचन्द्रजी, श्री नागचन्द्रजी पट्टपर श्री कृष्णजी और श्री कृष्णजी के पट्ट पर श्री छोटेलालजी विराजित हुये। वर्तमान में श्री प्राणलालजी संघ का नेतृत्व कर रहे हैं।
मुनि श्री छोटेलालजी - आपका जन्म वि०सं० १९७३ प्रथम भाद्रपद वदि चतुर्थी को कच्छ के भोजाय ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री बजरंगभाई पूजाभाई गडा व माता का नाम श्रीमती खेतबाई था। वि० सं० १९८८ फाल्गुन सुदि दशमी को लूणी (कच्छ) में आचार्य श्री नागचन्दजी के कर-कमलों से आपने आर्हती दीक्षा ग्रहण की। वि० सं० २०४६ श्रावण वदि द्वादशी को बाकी (कच्छ) में आपका स्वर्गवास हो गया।
मुनि श्री प्राणलालजी - आपका जन्म मांडवी (कच्छ) में हुआ। आपके पिता का नाम श्री भावजी नारायण भाई कांकरिया तथा माता का नाम श्रीमती रतनबाई था। वि०सं० २००८ पौष वदि षष्ठी को कच्छ के कुंदरोडी नगर में आचार्य श्री छोटालालजी के कर-कमलों से आपने आर्हती दीक्षा ग्रहण की। आप आगम के अच्छे ज्ञाता हैं । संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, कच्छी आदि भाषाओं के आप अच्छे जानकार हैं। सन् १९९५ में आप अपने संघ के गादीपति पद पर प्रतिष्ठित हुये ।
वर्तमान कच्छ आठ कोटि मोटी पक्ष सम्प्रदाय को आपका नेतृत्व प्राप्त है। आपकी निश्रा में वर्तमान में कुल ९४ सन्त सतियाँजी हैं जिनमें १६ मुनिराज हैं और ७९ महासतियाँजी हैं। मुनिराजों के नाम इस प्रकार हैं- उपाध्याय श्री विनोदचन्द्रजी, श्री
१. रूपांजली (पूज्य आचार्य श्री रूपचन्द्रजी स्वामी स्मृति ग्रंथ), पृ० - १५६-१६०
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