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धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय
३०५ को यह बता दिया था कि मेरी आयु ८ दिन शेष रह गयी है। आपके दो शिष्य थे। शिष्यों के नाम अनुपलब्ध हैं। आचार्य श्री दीपचन्द्रजी स्वामी
आपका जन्म वि०सं० १८९० फाल्गुन सुदि में कच्छ के गुंदाला ग्राम में वीसा ओसवाल परिवार में हुआ। आपके पिता का नाम श्री भोजराज भाई देढ़िया व माता का नाम श्रीमती खेतबाई था। अंजार में वि०सं० १९०१ माघ वदि प्रतिपदा को आपने दीक्षा ग्रहण की। वि०सं० १९४० में संघ के गादीधारी बने और वि० सं० १९४७ पौष वदि त्रयोदशी दिन गुरुवार को लीम्बड़ी में श्रीसंघ द्वारा आपको आचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया गया। वि०सं० १९६१ चैत्र वदि चतुर्दशी दिन मंगलवार को लीम्बड़ी में आपका स्वर्गवास हुआ। गादीपति श्री लाघाजी स्वामी
वि०सं० १८९० माघ सुदि में गुंदाला के बीसा ओसवाल परिवार में आपका जन्म हुआ। आपके पिता का नाम श्री मालशी भाई देढ़िया व माता का नाम श्रीमती गंगाबहन था। वि० सं० १९०३ वैशाख सुदि अष्टमी को बांकानेर में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९६१ में आप संघ के गादीधारी बने। वि०सं० १९६३ फाल्गुन वदि सप्तमी के दिन गादीपति के पद पर विराजित हुये। गादीपति बनने के एक वर्ष पश्चात् ही वि०सं० १९६४ श्रावण वदि दशमी दिन शुक्रवार की रात्रि में लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हो गये। आपके सात शिष्य थे । शिष्यों के नाम उपलब्ध नहीं हैं । गादीपति श्री. मेघराजजी स्वामी
आपका जन्म वि०सं० १८९५ श्रावण सुदि में गुंदाला के वीसा ओसवाल परिवार में हुआ। आप मुनि श्री लाघाजी स्वामी के लघुभ्राता थे। वि० सं० १९०४ ज्येष्ठ सुदि चतुर्थी को लीम्बड़ी में दीक्षित हुये। वि० सं० १९६४ में आपको संघ में गादी की प्राप्ति हुई और वि०सं० १९६८ वैशाख वदि नवमी को श्रीसंघ के द्वारा गादीपति के पद पर आसीन किये गये । वि०सं० १९७१ फाल्गुन सुदि त्रयोदशी को लीम्बड़ी में आपका स्वर्गवास हो गया। गादीपति श्री देवचन्द्रजी स्वामी
___ आपका जन्म वि०सं० १९०२ में कच्छ के रामाणीया ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री राणामेवा सावला व माता का नाम श्रीमती नामईबाई था। वि०सं० १९१३ फाल्गुन सुदि सप्तमी को मांडवी में आप दीक्षित हुये। वि० सं० १९७१ को आप संघ के गादी पर विराजित हुये। वि० सं० १९७७ कार्तिक वदि अष्टमी को लीम्बड़ी में आपका स्वर्गवास हुआ।
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