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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास श्रीमती भूरोदेवी था। माता-पुत्र दोनों ने दीक्षा ग्रहण की । माता साध्वी श्री जयवन्तीजी के पास दीक्षित हुईं । तत्पश्चात् वि०सं० १९९३ मार्गशीर्ष कृष्णा पंचमी को आपने मुनि श्री रामसिंहजी से दीक्षा ग्रहण की । आपके तीन शिष्य हुये- श्री जिनेशमुनिजी, श्री पद्ममुनिजी और श्री नवीनमुनिजी। मुनि श्री तिलोकचन्दजी
आपका जन्म वि० सं० १९७३ पौष कृष्णा तृतीया को हिसार के राजली ग्राम में हआ। आपके पिताजी का नाम श्री भोलरामजी अग्रवाल व माता का नाम श्रीमती लाडोदेवी था। वि०सं० १९९७ में दिल्ली में आपने मुनि श्री रामसिंहजी से दीक्षा ग्रहण की। मुनि श्री भगवानदासजी
आपका जन्म उत्तर प्रदेश के बड़ौत के जाटवंश में हुआ । वि०सं० २००९ कार्तिक शुक्ला नवमी को रोहतक के वैंसी में आप दीक्षित हुए। वि०सं० २०२४ में पंजाब के मनसा मंडी में आपका स्वर्गवास हो गया। मुनि श्री मंगतजी
__ आप जाट वंश के थे । वि०सं० २०१० में आप मुनि श्री रामसिंहजी के हाथों दीक्षित हुए। श्री प्रीतमचन्दजी
आपका जन्म अलीगढ़ के विधिपुर में वि०सं० १९८२ आषाढ़ शुक्ला त्रयोदशी को हुआ । आपके पिताजी का नाम श्री सेवाराम प्रजापत था । वि०सं० २०१२ कार्तिक शुक्ला त्रयोदशी को राहोनगर में आपकी दीक्षा हुई।
__ अपके तीन शिष्य हुए- श्री जिनेशमुनिजी, श्री पद्ममुनिजी, श्री नवीनमुनिजी। श्री जिनेशमुनिजी
आपका जन्म हिमाचल प्रदेश के काटल ग्राम में (कसौली के निकट) वि०सं० १९९७ माघ कृष्णा चतुर्दशी को हुआ। आपके पिता का नाम श्री जगतराम वर्मा और माता का नाम श्रीमती सावनादेवी था। वि०सं० २०१९ मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी को चंडीगढ़ के प्रभात मोहल्ले में आपने दीक्षा ग्रहण की। श्री पद्ममुनिजी.
आपने दिल्ली में दीक्षा ग्रहण की । आपके विषय में विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं होती है।
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