________________
आचार्य लवजीऋषि और उनकी परम्परा
मुनि श्री शिखरचन्दजी
आपका जन्म हरियाणा प्रान्त के नगूराँ ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम श्री माल्हारामजी था। वि०सं० १९९६ पौष मास में पंजाब के माछीबाड़ा में आप दीक्षित हुए। मात्र सात वर्ष तक ही आप संयम धारण कर पाये । वि० सं० २००३ श्रावण मास में अमृतसर में आप स्वर्गस्थ हो गये।
मुनि श्री फूलचन्दजी
1
आपका जन्म रोहतक के खरैटी ग्राम में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री ईश्वरीलालजी और माताजी का नाम श्रीमती निम्बोदेवी था । आप अववाहित थे । वि० सं० १९९२ में रोहतक में आपकी दीक्षा हुई । पाँच वर्ष संयमपर्याय का पालन कर वि० सं० १९९७ के पौष मास में आप स्वर्गस्थ हुए।
मुनि श्री रूपचन्दजी
आपका जन्म करनाल के कुराना ग्राम में वि०सं० १९५३ में अग्रवाल परिवार में हुआ। वि० सं० २००१ चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को जीन्द नगर में आपने आर्हती दीक्षा ग्रहण की। आप सेवाभावी, स्पष्टवादी और कर्मठ सन्त थे । वि० सं० २०२६ कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी को जींद में समाधिपूर्वक आपका स्वर्गवास हो गया।
मुनि श्री जुगमन्दरजी
२२१
आपका जन्म वि०सं० १९९६ में सोनीपत के बोटाना ग्राम में हुआ। आपके पिता श्री मामरा जैन और माता श्री बसन्तीबाई थीं। जब आप १२ वर्ष के हुए तब आपने वि०सं० २००८ मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी को पुरखास ग्राम में दीक्षा ग्रहण की। वि० सं० २०३३ (ई०सन् ३० अगस्त १९७६) में दिल्ली के शान्तिनगर में आपका स्वर्गवास हो गया।
श्री जवाहरलालजी की शिष्य परम्परा
श्री खुशीरामजी
आपका जन्म उत्तर प्रदेश के पाँची ग्राम के जाट परिवार में हुआ। वि० सं० १९४० माघ शुक्ला अष्टमी को आपने दीक्षा ग्रहण की । आपके बचपन का नाम नानकचन्द था। वि० सं० १९८४ माघ चतुर्दशी को आपका स्वर्गवास हो गया । श्री गणेशीलालजी
Jain Education International
आपका जन्म वि०सं० १९१४ में मूनक में हुआ। आप जाति से ओसवाल थे। वि०सं० १९५३ कार्तिक शुक्ला पूर्णिमा को श्री मोहनसिंह के साथ दिल्ली में आप दीक्षित हुए। दीक्षित होने के बाद आप तपश्चर्या में संलग्न हो गये । १७-१७, २१-२१ दिनों
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org