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लोकागच्छ और उसकी परम्परा
१४३ है, किन्तु समकालिक एवं अधिक उल्लेख वि० सं० १५३३ के पक्ष में हैं, इसलिए हमारी दृष्टि में उनकी दीक्षा वि०सं० १५३३ में मानना ही अधिक समुचित है। आपके सम्बन्ध में जन्म, दीक्षा, स्वर्गवास आदि को छोड़कर विशेष सूचनायें प्राय: अनुपलब्ध हैं। आपका स्वर्गवास मोहनलाल दलीचन्द देसाई ने वि०सं० १५३७ में माना है, किन्तु यह मत भी समीचीन प्रतीत नहीं होता, क्योंकि कड़वामत पट्टावली में कड़वाशाह और भाणांजी का वि०सं० १५४० में नाडोलाई में मिलन हुआ था, ऐसा उल्लेख है। इसके साथ पट्टालियों में यह भी उल्लेख है कि भीकाजी ने वि०सं० १५४० में भाणांजी के पास दीक्षा ग्रहण की थी। इसका अभिप्राय है कि वि०सं० १५४० में भाणांजी जीवित थे। अत: उनका स्वर्गवास वि० सं० १५४० के पश्चात् ही कभी होना चाहिए।
भाणांजी के जीवनवृत्त के सम्बन्ध में इससे अधिक कुछ हमें ज्ञात नहीं होता है, किन्तु इतना स्पष्ट है कि लोकागच्छ के आद्यपुरुष के रूप में वे आगमज्ञ और दृढ़संयमी अवश्य रहे होंगे। श्री भीकाजी
लोकागच्छ पट्टावली में भाणांजी के बाद भीकाजी या भीदाजी का नाम मिलता है। कहीं-कहीं आपको भद्दाऋषि के नाम से भी उल्लेखित किया गया है। अत: आपके नाम को लेकर असमंजस की स्थिति तो अवश्य है । आचार्य हस्तीमलजी ने 'जैन आचार्य चरितावली' में आपको भद्दाऋषि कहा है, जब कि 'पुष्करमुनि अभिनन्दन ग्रन्थ' में आपको भीदाजी के नाम से उल्लेखित किया गया है। इसी प्रकार वि०सं० १९५९ में प्रकाशित 'स्थानकवासी जैन मुनि कल्पद्रुम' में आपका नाम भीका लिखा है। नाम के इस मतभेद के बावजूद भी सभी लेखक एकमत है कि आप सिरोही के निवासी थे और जाति से ओसवाल थे । आपका गोत्र साथरिया था तथा आपके भाई संघवी तोलाजी थे । आचार्य हस्तीमलजी के उल्लेखानुसार आपने विपुल ऋद्धि का त्याग करके दीक्षा ग्रहण की थी। मात्र यही नहीं आपके साथ आपके परिवार के चार अन्य व्यक्ति की दीक्षित हुए थे । पट्टावलियों में वि०सं० १५४० में अहमदाबाद में आपके दीक्षित होने का उल्लेख है । आपके सम्बन्ध में इसके अतिरिक्त विशेष जानकारी उपलब्ध नही होती । श्री नूनांजी
__ भीकाऋषिजी के पट्ट पर नूनांऋषिजी के विराजित होने का उल्लेख है । आप भी सिरोही के निवासी थे और जाति से ओसवाल थे । यद्यपि आचार्य हस्तीमलजी ने 'जैन आचार्य चरितावली' में आपको भद्दाऋषिजी (भीकाऋषिजी) के पास दीक्षित बताया है, किन्तु 'स्थानकवासी जैन मुनि कल्पद्रुम' में आपको भाणांजी के साथ ही
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