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॥ रत्नसार ॥
त्व टलै,(अने) ग्रंथीभेद थाय उपशम क्षयोपसमसमकित ते पांमै तिवारे मिथ्यात्व परणाम मिथ्यात्व थी टलै. (अने) क्षायक समकित पामै तिवारे प्रदेश मिथ्यात्व टले. इति रहस्यं.
उववाई सूत्र मध्ये पांच राज चिन्ह कह्या छै, पांच अभिगम स्त्री ने पण कह्या छै, ते तिहां थी जोइयो.
१३. हिवै देशना च्यार ४ प्रकार नी छै ते तेर मो प्रश्न कहै छैः-धर्म देसना १ गति देसना २ बंध देसना ३ मोक्ष देसना ४ तेहना विस्तार गुरु गीतार्थ थकी जाणवा.
१४.च्यार ४ प्रकार ना अनर्थ दंड कह्या ते चउद मो प्रश्न कहै छैः-आरत रुद्र ध्यानै अनर्थ दंड १ प्रमादाचरणै अनर्थ दंड २ हिंसक शास्त्र आपवै अनर्थ दंड ३ पापोपदेशे अनर्थ दंड ४ ए च्यार ४ प्रकारे अनर्थ दंडे सप्तमांगे कह्या छै.
१५. पाठ ८ प्रकार ना वचन परिसह सहवा