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(१४)
॥ गाथार्थ ॥
१५८ प्रश्न में 'सह गउ' इत्यादि गाथा आई
उस का अर्थ:
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सर्वार्थ सिद्ध विमाने गयो निचे एक भवे सीझे, विजयादि च्यार मे गयो ख्याते भवे सीझे.
इसी प्रश्न में 'कीटिका वहवो' इत्यादि श्राया है उस का अर्थ:
19.
कीडियो घणी छे अथवा नर बहु इसी प्रश्न में 'यदा समुच्छिम' इत्यादिक गाथा श्रई है उसका अर्थ :
जिवारे समुच्छिम मनुष्य नो विरह काल होय वखतें कीडियो घणी अने समुच्छिम नो विरह न होय तिवारे नर घणा.
इसी प्रश्न में ' यस्य पुरुषस्य ' इत्यादि संस्कृत आई हैं वह अशुद्ध मालूम होती है तो पण अभिप्राय ऐसा मालूम होता है:
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कुकुडी अंड प्रमाणे बत्तीस कवल आहार को ते किम ए प्रश्न. उत्तर – कुटी नाम शरीर नो छे