Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

View full book text
Previous | Next

Page 321
________________ झाष्ट्र ॥ शुद्धिपत्र । (1) पृष्ठ. पंक्ति. अशुद्ध. शुद्ध... १८३१५ दर्शनं चात् दर्शनं १६ तेति नेति-छा१८४ तिष्ठति ति तिष्ठतीति १.८७ - १६ . भंचवा र मंच १८८१-३ उजीयागदयो उजोयगियदच्छो ". ३-४ कच्छय जीवों वलि कच्छय जीवो . ओ कच्छाय कमाइ बलिओ कत्थाय 2 हुंति वलियाइंजीव कंमारं हुंति : समय कमस्ससप- बलियाई जीव व्वनिवेधाइ॥ ३ ॥ स्सय कमरसय पुन्वनिबंधो अ :- गाइय॥३॥ ५ पुछकयं ४ पुरस्स- पुलकयं ४ पुर..... कारणं ॥ ५॥ स्सकारणं पंच५ * एगतिमिथितं ते चेव एगंते मिच्छतं सोसमासओ हुंति- समावाए हुति ___

Loading...

Page Navigation
1 ... 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332