Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

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Page 319
________________ पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध. : "" "" १७८ १७९ "" "" 39 33 39 १ १२ १८० ॥ शुद्धिपत्र ॥ ८-६ शुद्ध. असंख्याता वधाता विशेषाधिका संख्याता अधिका कपोत वसाई ४ ३ ६ नपुंसय कापोता वयाई नपुंसेय दुथेय मुढेय आणिते दुट्ठेय मूढेय प्रणते जुगएईय श्रविबंध जुंगिएईय वुबद्ध एयभिण्य से होनी फेडीयाइयंसी ॥४॥ एय भय ए सेह निप्फेडीये १३ गुणे १४ रुषाण "" (१५) १५ वे पूई 9 इय गुब्विणी बाल वच्छाय पव्वावे उन कप्पई ॥ ४ ॥ मुणे रुक्खाण बेई हुनत कोह निहुरासन्नो तह कोहे नह नह

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